Apne Apne Ajnabi

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Apne Apne Ajnabi

Number of Pages : 72
Published In : 2012
Available In : Paperback
ISBN : 978-81-263-4024-8
Author: Ajneya

Overview

मृत्यु से साक्षात्कार को विषय बनाकर मानव के जीवन और उसकी नियति का इतने कम शब्दों में माम्रिक और भव्य विवेचना इस उपन्यास की गरिमा का मूल है. मृत्यु को सामने पाकर कैसे प्रियजन भी अजनबी हो जाते है और अजनबी पहचाने हुए. इस चरम स्थिति में मानव का सच्चा चरित्र उभरकर आता है उसका प्रत्यय उसका अदम्य साहस और उसका विमल अलौकिक प्रेम भी वैसे ही और उतने ही अप्रत्याशित ढंग से क्रियाशील हो उठते है जैसे उसकी निम्नतर प्रवृक्तियाँ. अपने अपने अजनबी के पात्र विदेशी है और कहानी भी विदेश में घटित होती है. मृत्यु के प्रति जिन दो विरोधी भावो की टकराहट इनमे है वास्तव में उनके पीछे पूर्व और पश्चिम की जीवन-दृष्टियाँ है. वे दो दृष्टियाँ ही यंहा मिलती है और  मानव जीवन के एक नए आयाम का उन्मेष करती हैं.

Price     Rs 45/-

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मृत्यु से साक्षात्कार को विषय बनाकर मानव के जीवन और उसकी नियति का इतने कम शब्दों में माम्रिक और भव्य विवेचना इस उपन्यास की गरिमा का मूल है. मृत्यु को सामने पाकर कैसे प्रियजन भी अजनबी हो जाते है और अजनबी पहचाने हुए. इस चरम स्थिति में मानव का सच्चा चरित्र उभरकर आता है उसका प्रत्यय उसका अदम्य साहस और उसका विमल अलौकिक प्रेम भी वैसे ही और उतने ही अप्रत्याशित ढंग से क्रियाशील हो उठते है जैसे उसकी निम्नतर प्रवृक्तियाँ. अपने अपने अजनबी के पात्र विदेशी है और कहानी भी विदेश में घटित होती है. मृत्यु के प्रति जिन दो विरोधी भावो की टकराहट इनमे है वास्तव में उनके पीछे पूर्व और पश्चिम की जीवन-दृष्टियाँ है. वे दो दृष्टियाँ ही यंहा मिलती है और  मानव जीवन के एक नए आयाम का उन्मेष करती हैं.
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