Hum Bhrashtan Ke Bhrashta Hamare

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Hum Bhrashtan Ke Bhrashta Hamare

Number of Pages : 142
Published In : 2011
Available In : Hardbound
ISBN : 978-81-263-3061-4
Author: Sharad Joshi

Overview

हिन्दी व्यंग्य-लेखन में जिन रचनाकारों को सर्वाधिक लोकप्रियता हासिल हुई हैख् उनमें से एक नाम है शरद जोशी। व्यंग्य को समृद्ध बनाने में—गुणवत्ता में भी और परिमाण में भी, एवं उसे साहित्य का दर्जा दिलाने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। श्री जोशी ने ना-कुछ विषयों को लेकर आज के गम्भीर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मसलों तक की बाकायदा खबर ली है। वे अनेक पत्र-पत्रिकाओं के स्तम्भ-लेखक रहे हैं। रोज़मर्रा के विषयों में उनकी प्रतिक्रिया इतनी सटीक है कि पाठक का आन्तरिक भावलोक उमग उठे बिना नहीं रहता। प्रस्तुत कृति ‘हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे’ में उनके व्यंग्य-लेखों के विशाल संग्रह से साभिप्राय चुनी गयी रचनाएँ संकलित हैं। वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक सन्दर्भ में इन लेखों की सार्थकता और भी बढ़ जाती है।

Price     Rs 100/-

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हिन्दी व्यंग्य-लेखन में जिन रचनाकारों को सर्वाधिक लोकप्रियता हासिल हुई हैख् उनमें से एक नाम है शरद जोशी। व्यंग्य को समृद्ध बनाने में—गुणवत्ता में भी और परिमाण में भी, एवं उसे साहित्य का दर्जा दिलाने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। श्री जोशी ने ना-कुछ विषयों को लेकर आज के गम्भीर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मसलों तक की बाकायदा खबर ली है। वे अनेक पत्र-पत्रिकाओं के स्तम्भ-लेखक रहे हैं। रोज़मर्रा के विषयों में उनकी प्रतिक्रिया इतनी सटीक है कि पाठक का आन्तरिक भावलोक उमग उठे बिना नहीं रहता। प्रस्तुत कृति ‘हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे’ में उनके व्यंग्य-लेखों के विशाल संग्रह से साभिप्राय चुनी गयी रचनाएँ संकलित हैं। वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक सन्दर्भ में इन लेखों की सार्थकता और भी बढ़ जाती है।
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