Durgadas

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Durgadas

Number of Pages : 91
Published In : 2015
Available In : Paperback
ISBN : 978-81-263-4094-1
Author: Premchand

Overview

दुर्गादास उपन्यास सम्राट प्रेमचंद का एक ऐतिहासिक उपन्यास है ! यह मूलतः उर्दू लिपि में लिखा गया था जिसे हिंदी में लिप्यान्तरण करके बाद में सन 1915 में प्रकाशित किया गया. इसमें एक राष्ट्रप्रेमी साहसी राजपूत दुर्गादास के संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी है ! स्वयं प्रेमचंद के शब्दों में "राजपुताना में बड़े बड़े शूर वीर हो गए है ! उस मरूभूमि ने कितने ही नर रत्नों को जन्म दिया है ! पर वीर दुर्गादास अपने अनुपम आत्म-त्याग अपनी निःस्वार्थ सेवा भक्ति और अपने उज्जवल चरित्र के लिए कोहनूर के सम्मान है! औरों में शौर्य के साथ कहीं-कहीं हिंसा और द्वेष  का भाव भी पाया जायेगा कीर्ति का मोह भी होगा अभिमान भी होगा पर दुर्गादास शूर होकर भी साधू पुरुष थे एक दुर्लभ कृति -  दुर्गादास !

Price     Rs 70/-

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दुर्गादास उपन्यास सम्राट प्रेमचंद का एक ऐतिहासिक उपन्यास है ! यह मूलतः उर्दू लिपि में लिखा गया था जिसे हिंदी में लिप्यान्तरण करके बाद में सन 1915 में प्रकाशित किया गया. इसमें एक राष्ट्रप्रेमी साहसी राजपूत दुर्गादास के संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी है ! स्वयं प्रेमचंद के शब्दों में "राजपुताना में बड़े बड़े शूर वीर हो गए है ! उस मरूभूमि ने कितने ही नर रत्नों को जन्म दिया है ! पर वीर दुर्गादास अपने अनुपम आत्म-त्याग अपनी निःस्वार्थ सेवा भक्ति और अपने उज्जवल चरित्र के लिए कोहनूर के सम्मान है! औरों में शौर्य के साथ कहीं-कहीं हिंसा और द्वेष  का भाव भी पाया जायेगा कीर्ति का मोह भी होगा अभिमान भी होगा पर दुर्गादास शूर होकर भी साधू पुरुष थे एक दुर्लभ कृति -  दुर्गादास !
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