Tyagpatra

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Tyagpatra

Number of Pages : 88
Published In : 2017
Available In : Paperback
ISBN : 978-93-263-5054-9
Author: Jainendra Kumar

Overview

एम दयाल जी इस प्रान्त के चीफ जज थे और जजी त्यागकर इधर कई वर्षों से  हरिद्वार में विरक्त बीता रहे थे उनके स्वर्गवास का समाचार दो महीने हुए पत्रों में छपा था पीछे कागजों में उनके हस्ताक्षर के साथ एक पाण्डुलिपि पायी गई जिसका संक्षिप्त सार इतस्तत पत्रों में छप चुका हैं. उसे एक कहानी ही कहिये, मूल लेख अंग्रेजी में हैं. उसी का हिंदी उल्था यहाँ दिया जाता हैं. कहानी में से स्थानों और व्यक्तियों के नाम और कुछ ऐसे ही एहिक विवरण अनिवार्य न होने से कारण बदल या कम कर दिए गए हैं.

Price     Rs 60/-

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एम दयाल जी इस प्रान्त के चीफ जज थे और जजी त्यागकर इधर कई वर्षों से  हरिद्वार में विरक्त बीता रहे थे उनके स्वर्गवास का समाचार दो महीने हुए पत्रों में छपा था पीछे कागजों में उनके हस्ताक्षर के साथ एक पाण्डुलिपि पायी गई जिसका संक्षिप्त सार इतस्तत पत्रों में छप चुका हैं. उसे एक कहानी ही कहिये, मूल लेख अंग्रेजी में हैं. उसी का हिंदी उल्था यहाँ दिया जाता हैं. कहानी में से स्थानों और व्यक्तियों के नाम और कुछ ऐसे ही एहिक विवरण अनिवार्य न होने से कारण बदल या कम कर दिए गए हैं.
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