Yatha-Sambhava

view cart
Availability : Stock
  • 0 customer review

Yatha-Sambhava

Number of Pages : 424
Published In : 2017
Available In : Paperback
ISBN : 978-93-263-5069-3
Author: Sharad Joshi

Overview

व्यंग्य शब्द को साहित्य से जोडऩे अर्थात् व्यंग्य को साहित्य का दर्जा दिलाने में जिन इने-गिने लेखकों की भूमिका रही है उनमें शरद जोशी का नाम अग्रणी हैं। उन्होंने इस दिशा में बहुत-कुछ योगदान किया है—गुणवत्ता और परिणाम, दोनों दृष्टियों से। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि शरद जोशी ने हिन्दी के गम्भीर व्यंग्य को लाखों लोगों तक पहुँचाया।

Price     Rs 300/-

Rates Are Subjected To Change Without Prior Information.

व्यंग्य शब्द को साहित्य से जोडऩे अर्थात् व्यंग्य को साहित्य का दर्जा दिलाने में जिन इने-गिने लेखकों की भूमिका रही है उनमें शरद जोशी का नाम अग्रणी हैं। उन्होंने इस दिशा में बहुत-कुछ योगदान किया है—गुणवत्ता और परिणाम, दोनों दृष्टियों से। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि शरद जोशी ने हिन्दी के गम्भीर व्यंग्य को लाखों लोगों तक पहुँचाया।
Add a Review
Your Rating