Ujaale Ke Musahib

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Ujaale Ke Musahib

Number of Pages : 228
Published In : 2018
Available In : Paperback
ISBN : 81-263-1245-9
Author: Vijaydan Detha

Overview

विजयदान देथा लोक-कहानियों की सूरत में कहानी बयान करते हैं और बीच में कही एक स्तर पर वह ऐसी बात कह जाते हैं कि कहानी का सारा आयाम बदल जाता है। यह उनके पास बहुत खूबसूरत क्राफ्ट है।—और यह सिर्फ क्राफ्ट ही नहीं है। इसके पीछे एक पूरी विचारधारा है, जो पुरानी बात कहते हुए भी कहानी को शाश्वत कर देती है—सारे समयों के लिए सच!—अमृता प्रीतम बिज्जी की कहानियों की बुनावट ऐसी कि बावरा मन बलिहार जाए, तेवर ऐसे कि जेटयुगीन आधुनिकता को शर्म आने लगे और प्रहार की क्षमता ऐसी कि अच्छी से अच्छी व्यंग्य-रचना भी धूल चाट जाए।... कुल मिलाकर आलम यह कि बिज्जी की कहानियों के हाथ में लोकतंत्र की ऐसी लगाम है कि वे पाठकों को किसी भी दिशा में किसी भी गति से दौड़ा दें।— बलराम. प्रस्तुत है प्रतिष्ठित कथाकार विजयदान देथा की मानवीय रागात्मकता में रची-बसी अनूठी कहानियों का नवीनतम संग्रह ‘उजाले के मुसाहिब’.

Price     Rs 160/-

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विजयदान देथा लोक-कहानियों की सूरत में कहानी बयान करते हैं और बीच में कही एक स्तर पर वह ऐसी बात कह जाते हैं कि कहानी का सारा आयाम बदल जाता है। यह उनके पास बहुत खूबसूरत क्राफ्ट है।—और यह सिर्फ क्राफ्ट ही नहीं है। इसके पीछे एक पूरी विचारधारा है, जो पुरानी बात कहते हुए भी कहानी को शाश्वत कर देती है—सारे समयों के लिए सच!—अमृता प्रीतम बिज्जी की कहानियों की बुनावट ऐसी कि बावरा मन बलिहार जाए, तेवर ऐसे कि जेटयुगीन आधुनिकता को शर्म आने लगे और प्रहार की क्षमता ऐसी कि अच्छी से अच्छी व्यंग्य-रचना भी धूल चाट जाए।... कुल मिलाकर आलम यह कि बिज्जी की कहानियों के हाथ में लोकतंत्र की ऐसी लगाम है कि वे पाठकों को किसी भी दिशा में किसी भी गति से दौड़ा दें।— बलराम. प्रस्तुत है प्रतिष्ठित कथाकार विजयदान देथा की मानवीय रागात्मकता में रची-बसी अनूठी कहानियों का नवीनतम संग्रह ‘उजाले के मुसाहिब’.
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